Wednesday 27 February 2013

TERE BAGAIR

वक्त से क्या बेरुखी इसकी हर घटा का लुत्फ हमने आजमाया है, मचल उठा जो मन कभी खामौशी मेँ तो मन को हमने समझाया है......गर्दिशी हमें तोर ना दे हर लम्हा दिल को मामु बनाया है

वक्त

वक्त से क्या बेरुखी, इसकी हर घटा का लुत्फ हमने आजमाया है, मचल उठा जो मन कभी खामौशी मेँ, तो मन को हमने समझाया है......गर्दिशी हमें तोर ना दे हर लम्हा दिल को मामु बनाया है!

Saturday 23 February 2013

MERI DUNIYAA

दुनियां यादों की बेहतर हमने बसा ली,दर्द की चादर और आँशुओँ की बिस्तर सजा ली, तेरा जी चाहे तो आके देख ले,तेरी चाहत से बेहतर गम की दुनियाँ सजा ली... जिन्दा तुम भी हो और हम भी यहाँ,फर्क बस इतना है....तेरे पास सवेरा है और मेरी कुछ खबर नहीँ.. तेरा नया सवेरा होता है,मेरी दर्द की नयी कहानी.. तुम हँसती हो,हम रोते हैं...सुन ले सारी दुनियाँ की जुवानी...... I have written this to dedicate my best frnd Amit and his love.....Becoz after thinking about them it became easy to write on this topic.