Sunday 12 April 2015

तेरी नफरत का दीदार अब ना गवारा है,
दर्द-ए-दिल को मिला सकुन दोबारा है,
ये मत सोचना की तेरी याद में खो जाऊँगा देवदास सा,
अब कोई हमसफर भी हमारा है,
तू खोया रह अपने गुरुर में,
अब तेरी चाहत भी ना गवारा है,
कोई दुसरा अब हमसफर हमारा है.....

Friday 16 January 2015

BHAGWAAN

ना हो पता अगर भगवान कहाँ है,
तो घर अपने जाके देख,
तेरी जिंदगी सँवारने में,जिसने अपनी जिंदगी गुजार दी,
उस भगवान को, घर अपने जाके देख,
आज खुश हो कहीं दूर देश में कामयाब होकर,
तुझे कामयाब करने को जिसने खुद को भुला दिया,
उस भगवान की हालात घर अपने जाके देख,
वक्त कभी मिले जिंदगी में तो घर लौट आना,
तेरे बगैर घर कितना सुना है,
घर अपने आके देख...........

......"रमन".....