सुना है सभी को खुशियाँ देना सबके बस की बात नहीँ,
सभी के गम को अपना समझना सबके बस की बात नहीँ,
खुशियाँ देने वाले कहलाते हैँ खुदा के फरिश्ते,फरिश्तोँ से खुद जुर जाते हैँ सभी के रिश्ते,
हम हैँ तो खुशियाँ है सब चेहरे पे हँसी है,हम नहीँ तो सब अपने गम को लेकर दुखी हैँ।
मैँ सबको हँसाता हुँ सब हमपे हँसते हैँ,सभी को हँसाने के लिए मैँ खुद बन जाता हुँ मुद्दा क्योँकि मैँ हुँ जोकर।
नोट; प्यारे मित्रोँ यदि कोई किसी को खुश करने के लिए कोई बेवकुफी के हद को भी जाता है तो उसे बेवकुफ नहीँ समझना चाहिए क्योँकि वह कुछ भी कर सकता है।
No comments:
Post a Comment