"तकिये को भींगो रखा था नयन नीर से,
अपने आँसू छुपा रखा था जमाने की भीड़ से ।"
Tuesday 16 December 2014
अपनी कामयाबी पे खुश तो सभी होते हैं, नादान हैं वो लोग जो दुसरों की कामयाबी से दुखी होते हैं, औरों की कामयाबी पे खुश होना जिसने सीख लिया, वही लोग सच्चे कामयाब और सुखी होते हैँ.......................
"एक मंत्र"
"रमन पाठक"
तुम्हें कैसे अब दिल में बसाऊँ, मेरे दिल में दिल ही नहीं है, रात का ऐसा घना छाँव है फैला, जैसे मेरे हिस्से में दिन ही नहीं है............