Friday 19 April 2013
BEWAFAA
. ना महफिल में ना मेले में,करुँगा बदनाम तुझे अकेले में.......किसी से ना कहुँगा कहानी तेरी बेवफाई का,वरना हँसेगी हर सह मुझपे शाम और सवेरे में..........तू निकलेगी ईतनी बेवफा कभी सोचा ना था,अब तो डर सा लगता है हसिनों की मुहल्ले में.....
TANHAAYI
चैन नहीं एक पल को भी अब दिल को मेरे, वादे सारे तोर दिए उसने जो किए थे संग मेरे..... तन्हाई बहुत सताती है दिल को मेरे,लाख समझाउँ दिल को की वो बेवफा थी, पर मेरा भी भरोसा नहीं अब दिल को मेरे......... -Raman pathak
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