"तकिये को भींगो रखा था नयन नीर से,
अपने आँसू छुपा रखा था जमाने की भीड़ से ।"
Friday 19 April 2013
BEWAFAA
. ना महफिल में ना मेले में,करुँगा बदनाम तुझे अकेले में.......किसी से ना कहुँगा कहानी तेरी बेवफाई का,वरना हँसेगी हर सह मुझपे शाम और सवेरे में..........तू निकलेगी ईतनी बेवफा कभी सोचा ना था,अब तो डर सा लगता है हसिनों की मुहल्ले में.....
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