तेरी नफरत का दीदार अब ना गवारा है,
दर्द-ए-दिल को मिला सकुन दोबारा है,
ये मत सोचना की तेरी याद में खो जाऊँगा देवदास सा,
अब कोई हमसफर भी हमारा है,
तू खोया रह अपने गुरुर में,
अब तेरी चाहत भी ना गवारा है,
कोई दुसरा अब हमसफर हमारा है.....
दर्द-ए-दिल को मिला सकुन दोबारा है,
ये मत सोचना की तेरी याद में खो जाऊँगा देवदास सा,
अब कोई हमसफर भी हमारा है,
तू खोया रह अपने गुरुर में,
अब तेरी चाहत भी ना गवारा है,
कोई दुसरा अब हमसफर हमारा है.....
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